पंजाब के 12वीं कक्षा के विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे: शिक्षा मंत्री
भगवंत सिंह मान सरकार शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए प्रतिबद्ध: हरजोत सिंह बैंस
चंडीगढ़, 9 दिसंबर:मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में उन विद्यार्थियों को उचित प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करने के लिए एक सराहनीय पहल शुरू की है, जो पेशेवर और गुणवत्तापूर्ण कोचिंग तक पहुंचने में असमर्थ हैं। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा एन.ई.ई.टी. और आई.आई.टी./जे.ई.ई. जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए राज्य स्तरीय आवासीय कोचिंग शिविर का आयोजन किया गया है, जो आज से शुरू हुआ। यह शिविर मोहाली और जालंधर के स्कूलों में 300-300 विद्यार्थियों को लाभान्वित करेगा।
इस संबंध में जानकारी देते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि यह शिविर 8 दिसंबर से 29 दिसंबर तक जालंधर और एस.ए.एस. नगर (मोहाली) में आयोजित किया जाएगा। स्कूल ऑफ एमिनेंस और मेरिटोरियस स्कूलों के जे.ई.ई. के विद्यार्थी 8 दिसंबर से और एन.ई.ई.टी. के विद्यार्थी 15 दिसंबर से प्रशिक्षण के लिए शिविर में शामिल होंगे।
शिविर के उद्घाटन के दिन विद्यार्थियों ने गिद्दा, भांगड़ा और पंजाबी बोलियों जैसी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से पंजाब की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित किया और शिविर में ऊर्जा और सकारात्मक माहौल स्थापित किया।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में शुरू की गई इस नवाचारी पहल का उद्देश्य सरकारी स्कूलों में शैक्षिक स्तर को ऊंचा उठाना है। इस कार्यक्रम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को ‘फिजिक्स वाला’ के विशेषज्ञ शिक्षकों से उचित कोचिंग मिले।
उन्होंने कहा कि जालंधर और एस.ए.एस. नगर के जिला शिक्षा अधिकारी शिविर की दैनिक गतिविधियों की निगरानी करेंगे। इस प्रक्रिया में 80 से अधिक शिक्षा अधिकारियों की भागीदारी रहेगी।
हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि ‘फिजिक्स वाला’ के विशेषज्ञ शिक्षक जे.ई.ई. मेन, जे.ई.ई. एडवांस्ड और एन.ई.ई.टी. की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को विशेष कोचिंग प्रदान करेंगे। उल्लेखनीय है कि पूरी तरह से विचार कर तैयार किए गए सिलेबस पर बुनियादी अवधारणाओं पर जोर दिया गया है। यह व्यापक कवरेज सुनिश्चित करेगा और विद्यार्थियों को 21 दिनों की कोचिंग के दौरान गहन ज्ञान प्राप्त होगा।
समर्पित प्रॉब्लम-सॉल्विंग सेशन विद्यार्थियों को जटिल विषयों को समझने, चुनौतीपूर्ण समस्याओं को हल करने और परीक्षा-विशेष रणनीतियों पर पकड़ बनाने में मदद करेंगे।
कैबिनेट मंत्री ने विद्यार्थियों से अपील की कि वे इस नवाचारी पहल का पूरी लगन से लाभ उठाएं, क्योंकि इसे यादगार और पूर्ण रूप से सफल बनाने के लिए डिजाइन किया गया है।