नहरों की लाइनिंग, मरम्मत और खालों की बहाली सहित साल 2024 तक 2100 करोड़ रुपये के परियोजनाओं की शुरुआत
पाँच ज़िलों में दो लाख एकड़ क्षेत्र की सिंचाई के लिए 2300 करोड़ रुपये की लागत वाली मालवा नहर परियोजना शुरू की
15947 खालों को सर्जित करके पहली बार 950 से अधिक गांवों तक सिंचाई के लिए पानी पहुँचाया
सेम की गंभीर समस्या का समाधान करने के लिए 543.43 करोड़ रुपये की लागत से सरहिंद फीडर की 89.61 किलोमीटर रीलाइनिंग की
30 ग्राउंड वाटर रिचार्ज संरचनाएँ सर्जित की गईं, 129 अन्य पूर्ण होने के करीब
खालों की मरम्मत संबंधी 25 साला पाबंदी हटाई, 700 किलोमीटर तक फैले 909 खालों को सर्जित किया
तत्काल और पुख्ता निगरानी के लिए पंजाब कैनाल एंड रेगुलेशन इन्फॉर्मेशन सिस्टम लागू
चंडीगढ़, 29 दिसंबर: देश क्लिक ब्योरो
पंजाब के जल संसाधन विभाग ने राज्य के पानी संबंधित बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने और किसानों को पानी का समान वितरण सुनिश्चित करने के लिए अद्वितीय मील पत्थर हासिल किए हैं।
यह जानकारी जल संसाधन मंत्री श्री बरिंदर कुमार गोयल ने दी। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा 2024 के अंत तक 2100 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जिसमें नहरों की व्यापक लाइनिंग, मरम्मत और खालों को सर्जित करना शामिल है। उन्होंने कहा कि इन विस्तारित कार्यों से पानी के समान वितरण की प्रतिबद्धता को पूरा करते हुए, टेलों तक किसानों के लिए पानी उपलब्ध कराकर महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान की अगुवाई वाली सरकार की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक सरहिंद फीडर की रीलाइनिंग के माध्यम से सेम की समस्या का समाधान करना है। विभाग द्वारा 671.478 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली इस परियोजना में से अब तक 89.61 किलोमीटर रीलाइनिंग के कार्य पूरे हो चुके हैं, जिसमें 543.43 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि इस प्रयास ने सेम की समस्या को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे काफी खेती योग्य ज़मीन प्रभावित हो रही थी।
उन्होंने बताया कि राज्यभर में खालों की बहाली संबंधी मुहिम के भी शानदार परिणाम सामने आए हैं। दो से तीन दशकों तक बंद पड़े 15947 खालों को विभाग ने सफलतापूर्वक सर्जित किया है। इस पहल से पहली बार 950 से अधिक गांवों में सिंचाई के लिए नहरी पानी पहुँचाया गया है।
जल संसाधन मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रगति करते हुए खालों की मरम्मत पर 25 वर्षीय पाबंदी हटा दी है, जिससे क्षेत्रीय अधिकारी अब तत्काल खालों की मरम्मत और बहाली संबंधी कार्य करने के सक्षम हो गए हैं। उन्होंने कहा कि मगनरेगा और राज्य के फंडों को जोड़कर राज्य ने सिर्फ दो वर्षों में 700 किलोमीटर तक फैले 909 से अधिक खालों को सर्जित किया है।
श्री गोयल ने कहा कि मालवा नहर परियोजना के निर्माण की ऐतिहासिक पहल मालवा क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं में क्रांति लाएगी। 2300 करोड़ रुपये के निवेश से बनने वाली 150 किलोमीटर लंबी यह नहर पाँच ज़िलों- बठिंडा, फरीदकोट, फाजिल्का, फिरोज़पुर और श्री मुक्तसर साहिब के लगभग दो लाख एकड़ क्षेत्र की सिंचाई ज़रूरतों की पूर्ति करेगी। इसके अलावा पठानकोट ज़िले में तीन नई नहरों का निर्माण प्रगति अधीन है, जिससे पहली बार इस क्षेत्र में नहरी पानी मुहैया कराया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भूजल की बचत के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता के तहत बंद पड़े 30 वाटर रिचार्जिंग संरचनाओं को सर्जित किया गया है, जबकि 129 स्थानों का निर्माण पूर्ण होने के करीब है। विभाग द्वारा 128 वाटर रिचार्ज संरचनाओं पर बोरिंग का कार्य पूरा किया गया है और भविष्य के विकास के लिए 60 नई साइटों की पहचान की गई है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा वारीबंदी और चकबंदी सहित विभिन्न किसान सेवाएं प्रदान करने के लिए ‘ई-सिंचाई’ मोबाइल ऐप लॉन्च की गई है। उन्होंने बताया कि एक और डिजिटल पहल के तहत पंजाब कैनाल एंड रेगुलेशन इंफॉर्मेशन सिस्टम शुरू किया गया है, जो नहरी प्रवाह की वास्तविक समय की निगरानी प्रदान करता है और पानी के वितरण में पारदर्शिता ला रहा है।
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुचारू बनाने के लिए सरकार ने जल संसाधनों से संबंधित एन.ओ.सी. सेवाओं के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया है, जिससे इन प्रक्रियाओं में लगने वाले समय में महत्वपूर्ण कमी आई है। री-इंजीनियरिंग और डिजिटलीकरण के माध्यम से विभाग ने आवेदन प्रक्रिया में लगने वाले समय में 60-70 प्रतिशत तक की महत्वपूर्ण कमी दर्ज की है।