2.58 करोड़ से अधिक लोगों ने 881 आम आदमी क्लीनिकों में कराया इलाज: डॉ. बलबीर सिंह
सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीज किफायती दरों पर एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड सुविधाओं का उठा सकते हैं लाभ: स्वास्थ्य मंत्री, पंजाब
सड़क हादसों के पीड़ितों को अस्पताल ले जाने वाले व्यक्तियों का किया जा रहा है सम्मान: डॉ. बलबीर सिंह
पंजाब सरकार ने प्रोजेक्ट स्टेमी और प्रोजेक्ट स्ट्रोक भी किया शुरू
‘हर शुक्रवार, डेंगू पर वार’ अभियान ने 2024 में डेंगू के मामलों की संख्या 55 प्रतिशत तक कम करने में की मदद
प्रदेशभर में गुर्दे की बीमारी से पीड़ित मरीजों को मुफ्त प्रदान की जा रही है डायलिसिस सुविधा
प्रदेशभर में रोजाना 3284 स्थानों पर चल रही ‘सीएम दी योगशाला’ में 1 लाख से अधिक लोग ले रहे हैं लाभ
चंडीगढ़, 29 दिसंबर: देश क्लिक ब्योरो
पंजाब के लोगों को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने पंजाब में पहले, दूसरे और तीसरे दर्जे की स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए कई पहल की हैं।
पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और मेडिकल शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की ओर से राज्य में
प्राइमरी स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने और इसके कायाकल्प करने के लिए शुरू किए गए प्रोजेक्ट ‘आम आदमी क्लीनिक’ को बड़ी सफलता हासिल हुई है। इन क्लीनिकों से अब तक 2.58 करोड़ (1.08 करोड़ नए मरीज/1.5 करोड़ दोबारा दवा लेने वाले मरीज) लोगों ने मुफ्त इलाज की सुविधा का लाभ उठाया है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 75 आम आदमी क्लीनिक राज्य की जनता को समर्पित किए थे, जिससे इन क्लीनिकों की कुल संख्या अब 881 हो गई है। इनमें से 316 क्लीनिक शहरी क्षेत्रों में और 565 क्लीनिक ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं।
उन्होंने बताया कि आम आदमी क्लीनिकों में मरीजों के लिए 80 प्रकार की दवाएं और 38 प्रकार की डायग्नोस्टिक जांच मुफ्त उपलब्ध हैं। इन क्लीनिकों ने राज्य के लोगों के स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च को लगभग 1200 करोड़ रुपए तक कम करने में योगदान दिया है।
इसके अतिरिक्त, प्रदेश में व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए 3134 स्वास्थ्य और वेलनेस केंद्र सक्रिय हैं। इसके साथ ही, नए स्टाफ, जैसे कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स, को भी शामिल किया गया है।
पंजाब सरकार की ओर से सेकेंडरी स्वास्थ्य सेवाओं में जरूरी दवाइयों की सूची (ईडीएल) के अंतर्गत आने वाली सभी दवाइयों की उपलब्धता को यक़ीनी बनाने के लिए जनवरी 2024 में फ्री ड्रग पहल की शुरुआत की गई। स्थानीय स्तर सिविल सर्जनों और एसएमओ को ईडीएल के बाहर की दवाओं या किसी विशेष दवा की कमी होने पर उनकी खरीद करने का अधिकार दिया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने मौजूदा सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों को और सशक्त बनाने के साथ ही इस साल जनवरी में डायग्नोस्टिक पहल शुरू की। इसके तहत सभी माध्यमिक स्वास्थ्य सुविधाओं में एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड की सुविधा प्रदान की जा रही है। इसके लिए कुल 202 एक्स-रे केंद्र और 389 अल्ट्रासाउंड केंद्र सूचीबद्ध किए गए हैं, जो सरकार द्वारा निर्धारित सस्ती दरों पर सेवाएं दे रहे हैं।
उन्होंने आगे बताया कि जनवरी 2024 के बाद से कलर डॉपलर/अल्ट्रासाउंड मशीनों की संख्या 65 से बढ़ाकर 98 और एक्स-रे मशीनों की संख्या 368 से बढ़ाकर 384 कर दी गई है। अब सभी जिला अस्पताल (डीएच), उप-मंडलीय अस्पताल (एसडीएच) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड सुविधाएं उपलब्ध हैं। अब तक कुल 10.11 लाख मरीजों (7.76 लाख एक्स-रे सेवाएं और 2.34 लाख यूएसजी सेवाएं) ने इन सेवाओं का लाभ उठाया है।
स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य सुविधाओं के बुनियादी ढांचे और सेवाओं के विस्तार में भी महत्वपूर्ण प्रगति की है। इस प्रगति में पटियाला में नेशनल मिडवाइफरी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एनएमटीआई) को सक्रिय करना, नए मदर एंड चाइल्ड हेल्थकेयर (एमसीएच) विंग की स्थापना और विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए डीएनबी कार्यक्रम का विस्तार शामिल है।
डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि पंजाब सरकार ने हब और स्पोक मॉडल पर आधारित पंजाब स्टेमी प्रोजेक्ट को आठ जिलों में सफलतापूर्वक लागू किया है। इस प्रोजेक्ट के तहत अब तक 7,000 से अधिक छाती दर्द के मरीजों को लाभ दिया गया है। इसका उद्देश्य थ्रोम्बोलाइसिस पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्टेमी (दिल का दौरा) के मरीजों को समय पर और प्रभावी इलाज प्रदान करना है। इस प्रोजेक्ट के तहत टेनेक्टेप्लेस इंजेक्शन, जिसकी कीमत 25,000 से 35,000 रुपए तक होती है और जो रक्त के थक्कों को घोलने में मदद करता है, मरीजों को मुफ्त दिया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट का विस्तार अब अन्य 15 जिलों में भी किया जा रहा है, जिसमें तीन सरकारी मेडिकल कॉलेज और एम्स बठिंडा समेत चार नए हब शामिल किए गए हैं।
पंजाब सरकार की ओर से पंजाब स्ट्रोक प्रोजेक्ट अक्टूबर 2024 में शुरू किया गया, जिसका उद्देश्य इस्केमिक स्ट्रोक के मरीजों को मुफ्त मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टॉमी प्रदान करना है। इस प्रोजेक्ट के तहत अब तक लगभग 200 स्ट्रोक मरीजों को लाभ दिया गया है। यह प्रोजेक्ट भी हब और स्पोक मॉडल पर आधारित है, जिसमें सीएमसी लुधियाना को हब और तीन जिला अस्पतालों को स्पोक के रूप में शामिल किया गया है।
डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा शुरू की गई डेंगू विरोधी मुहिम ‘हर शुक्रवार, डेंगू पर वार’ को व्यापक सफलता मिली है। 2024 में डेंगू के मामलों में पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 55 प्रतिशत की कमी और डेंगू से होने वाली मौतों में 70 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
उन्होंने बताया कि गुर्दे की बीमारियों से पीड़ित मरीजों को राहत देने के लिए पंजाब सरकार ने हंस फाउंडेशन, माता गुजरी ट्रस्ट जगरा और अन्य एनजीओ के सहयोग से मरीजों को मुफ्त डायलिसिस सुविधा प्रदान की है। वर्तमान में 23 जिला अस्पतालों, 14 उप-मंडलीय अस्पतालों, और तीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्थित 40 डायलिसिस केंद्रों पर 168 डायलिसिस मशीनें उपलब्ध हैं। अप्रैल 2024 से नवंबर 2024 के बीच 4,831 मरीजों को 32,800 डायलिसिस सत्र प्रदान किए गए।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार की ओर से सड़क हादसों के पीड़ितों को तुरंत निर्विघ्न इलाज मुहैया करवाने के लिए शुरू की गई फरिश्ते योजना कीमती जाने बचाने के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना के अंतर्गत अब तक 223 दुर्घटना पीड़ितों को निशुल्क इलाज मुहैया करवाया गया है, जो सड़क हादसों के कारण होने वाली मृत्यु दर को कम करने में इसकी प्रभावशीलता को दर्शाता है। वर्णनीय है कि आम लोगों को आगे आने व सड़क हादसों के पीड़ितों की मदद करने और पीड़ितों की जान बचाने के लिए उत्साहित करने के लिए ऐसे ‘फरिश्तों’ को 2,000 रुपए का नकद इनाम और प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया जाता है और कानूनी पेचीदगियों व पूछताछ से छूट दी जा रही है। अब तक 66 “फरिश्ते” पंजाब राज्य स्वास्थ्य एजेंसी (एसएचए) के साथ पंजीकृत हो चुके हैं।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा एस.ए.एस. नगर में पंजाब का पहला इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलेरी साइंसेज लोगों को समर्पित किया गया है, जहां लोग यू.जी.आई. एंडोस्कोपी, फाइब्रोस्कैन, एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड और ई.आर.सी.पी. जैसी सेवाओं का लाभ ले सकते हैं। उल्लेखनीय है कि इस संस्थान को द इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलेरी साइंसेज (आईएलबीएस), नई दिल्ली की तर्ज पर स्थापित किया गया है।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा अमृतसर, पटियाला और फरीदकोट समेत सरकारी मेडिकल कॉलेजों में तीसरे स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। वहीं, मुख्यमंत्री पंजाब कैंसर राहत कोष योजना के तहत राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों, होमी भाभा कैंसर अस्पताल संगरूर, होमी भाभा कैंसर अस्पताल और रिसर्च सेंटर मुल्लांपुर और एडवांस्ड कैंसर इंस्टीट्यूट बठिंडा में कैंसर का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है।
डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के स्वपनमयी प्रोजेक्ट “सी.एम. दी योगशाला” की सभी जिलों में सफल शुरुआत के बाद, इस जनकल्याणकारी अभियान को गांव और ब्लॉक स्तर पर भी जबरदस्त समर्थन मिला है। सरकार द्वारा 580 योग प्रशिक्षकों की नियुक्ति की गई है और वर्तमान में हर सुबह 3284 ‘सी.एम. दी योगशाला’ आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें 1 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हो रहे हैं।