चंडीगढ़, 3 जनवरी: देश क्लिक ब्योरो
राज्य में पशुओं की उत्पादकता बढ़ाने और कृषि क्षेत्र में सतत विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पंजाब सरकार द्वारा चारे की उत्पादन से संबंधित चुनौतियों का समाधान करने के लिए एल्फाल्फा को राज्य की चारा प्रणाली में शामिल करने के लिए सहायक पहलकदमियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। यह जानकारी आज यहां कृषि और किसान कल्याण तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री श्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने दी।
वे आज यहां सी.आई.आई. के उत्तरी क्षेत्र मुख्यालय में पंजाब एग्रो इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन लिमिटेड (पी.ए.आई.सी.) द्वारा नमोस्टुट इनोवेटर्स एल.एल.पी. (एन.एस.आई.) और टीम एथीना के सहयोग से “सस्टेनेबल फॉरेज सॉल्यूशन: एल्फाल्फा – मशीनीकरण, उत्पादन और मार्केटिंग” पर आयोजित स्टेकहोल्डर्स की कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।
चारे की कमी से निपटने और पशुओं की उत्पादकता बढ़ाने के लिए नवीनतम उपायों के महत्व पर जोर देते हुए श्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि पंजाब एग्रो द्वारा लाडोवाल (लुधियाना) में 60 एकड़ भूमि पर एल्फाल्फा की खेती की गई है। इस खेती को प्रोत्साहित करने के पीछे राज्य सरकार का उद्देश्य किसानों को टिकाऊ और किफायती चारा प्रदान करना है, जिससे पशु स्वस्थ होंगे और दूध के उत्पादन में वृद्धि होगी।
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि पंजाब एग्रो द्वारा पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पी.ए.यू.) और गुरु अंगद देव वेटरिनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी के साथ साझेदारी की गई है, ताकि किसानों को पशुओं के सही पोषण के बारे में जानकारी दी जा सके। उन्होंने कहा कि एल्फाल्फा चारे की खेती के कई लाभ हैं, जिनमें उच्च पोषण तत्व और पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार शामिल हैं। इसके अलावा, यह नाइट्रोजन को अवशोषित करके मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाता है और अपनी गहरी जड़ों से मिट्टी की गहराई से नमी प्राप्त करता है। उन्होंने कहा कि यह विशेषता एल्फाल्फा को सूखे की स्थिति में अधिक अनुकूल बनाती है, जिससे शुष्क मौसम के दौरान भी चारे की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकती है।