अमरूद बाग घोटाला: धोखाधड़ी से 12 करोड़ रुपये मुआवजा लेने वाला भगोड़ा आरोपी विजीलेंस ब्यूरो द्वारा काबू

Punjab(H) पंजाबी

अमरूद बाग घोटाला: धोखाधड़ी से 12 करोड़ रुपये मुआवजा लेने वाला भगोड़ा आरोपी विजीलेंस ब्यूरो द्वारा काबू

चंडीगढ़, 12 फरवरी, 2025: देश क्लिक ब्योरो

पंजाब विजीलेंस ब्यूरो ने वर्ष 2016-17 में जिला एस.ए.एस. नगर के गांव बाकरपुर में हुए ‘अमरूद बाग घोटाले’ के सह-आरोपी, चंडीगढ़ निवासी सुखदेव सिंह को गिरफ्तार किया है। उसने सरकारी कर्मचारियों और अन्य लोगों के साथ मिलीभगत कर धोखाधड़ी के जरिए अपने और अपनी पत्नी के खातों में करीब 12 करोड़ रुपये का मुआवजा प्राप्त किया था।

इस संबंध में जानकारी देते हुए विजीलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि सुखदेव सिंह ने धोखाधड़ी, जालसाजी और सरकारी रिकॉर्ड से छेड़छाड़ कर इस आपराधिक साजिश में विशेष भूमिका निभाई, जिससे सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ और आरोपियों ने रिश्वत के जरिए अवैध वित्तीय लाभ भी प्राप्त किया।

इस संबंधी विजीलेंस ब्यूरो की जांच में यह पता चला कि एस.ए.एस. नगर में एयरोट्रोपोलिस प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के दौरान फर्जी अमरूद के बाग होने का दावा करके अवैध रूप से अधिक मुआवजा लेने के इरादे से आरोपी सुखदेव सिंह ने गांव बाकरपुर में 3 कनाल 16 मरले जमीन खरीदी थी। इसके बाद, उसने गांव बाकरपुर के निवासी और मुख्य आरोपी भूपिंदर सिंह के साथ मिलकर इस अधिग्रहित जमीन पर पहले से अमरूद के पुराने बाग मौजूद होने की साजिश रची। उसने धोखाधड़ी से पेड़ों के मूल्यांकन के दौरान उन्हें तीन साल से अधिक पुराना और फल देने वाले पेड़ों की श्रेणी में योग्य साबित करने के लिए संबंधित बागवानी विकास अधिकारी से मिलीभगत की।

इस धोखाधड़ी की योजना का विवरण देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि सुखदेव सिंह और भूपिंदर सिंह के बीच एक समझौता था, जिसके तहत सुखदेव सिंह कर्मचारियों को रिश्वत देने सहित सभी खर्च वहन करेगा, जबकि भूपिंदर सिंह रिश्वत और अपने प्रभाव के जरिए भूमि अधिग्रहण कलेक्टर (एल.ए.सी.), ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (गमाडा) से धोखाधड़ी से प्राप्त मुआवजे की दो-तिहाई राशि अपने पास रखेगा।

उन्होंने आगे बताया कि गांव बाकरपुर के असली खसरा गिरदावरी माल रजिस्टर (2016-2021) को नष्ट कर दिया गया ताकि इस धोखाधड़ी का पता न चल सके और 2019 में एक नया फर्जी खसरा गिरदावरी रजिस्टर तैयार किया गया। भूपिंदर सिंह ने माल पटवारी बाचित्र सिंह के साथ मिलकर पक्के अमरूद के बाग मौजूद होने को सही साबित करने के लिए भूमि रिकॉर्ड में हेराफेरी की। इसके बाद सुखदेव सिंह और उसकी पत्नी हरबिंदर कौर ने धोखाधड़ी से गमाडा से क्रमशः 2,40,96,442 रुपये और 9,57,86,642 रुपये प्राप्त किए।

प्रवक्ता ने आगे बताया कि अवैध रूप से प्राप्त मुआवजे में भूपिंदर सिंह के हिस्से को बदलने के लिए सुखदेव सिंह ने वर्ष 2022 में गांव चप्परचिड़ी, जिला मोहाली में लगभग 6 बीघा जमीन भूपिंदर सिंह को कम कीमत पर बेच दी। इसी तरह, गांव कैलो , मोहाली में उसकी पत्नी हरबिंदर कौर की स्वामित्व वाली 32 कनाल जमीन भी कम कीमत पर भूपिंदर सिंह को बेची गई।

प्रवक्ता ने आगे बताया कि बार-बार समन जारी करने के बावजूद सुखदेव सिंह कानूनी कार्रवाइयों से बचता रहा और जांच में सहयोग नहीं कर रहा था। अन्य लाभार्थी सह-आरोपियों की तरह उसने धोखाधड़ी से प्राप्त मुआवजा राशि स्वेच्छा से खजाने में जमा नहीं करवाई और अदालत से अग्रिम जमानत भी नहीं ली।

उन्होंने आगे बताया कि अन्य सह-आरोपियों द्वारा अब तक 86 करोड़ रुपये जमा करवाए जा चुके हैं और इस आरोपी से की जाने वाली 12 करोड़ रुपये की रिकवरी के साथ, वापस होने वाली मुआवजा राशि 100 करोड़ रुपये हो जाएगी। इस मामले में अब तक कुल 7 सरकारी कर्मचारी और 16 आम व्यक्ति गिरफ्तार किए जा चुके हैं और आगे की जांच जारी है।

Published on: फ़रवरी 12, 2025 5:39 अपराह्न

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